Friday, 26 June 2020

कैसे पता चलेगा कि मेरी कुंडलिनी जागृत है?

1) जब आपको दिव्य दर्शन, सुगन्ध, स्वाद, श्रवण और किसी के आपको छूने की अनुभुति हो ।

2) जब आपको परमात्मा की तरफ से सन्देश मिलने लगे ।

3) जब मूलाधार चक्र मे स्पंदन होने लगे ।

4) जब आपके रौंगटे खड़े होने लगे ।

5) जब गहन साधना के दौरान आपकी श्वास चलते चलते रूक जाये ।

6) जब आपको अपनी रीढ की हड्डी मे नीचे से ऊपर तक सिरहन होने लगे ।

7) जब आप अकारण ही आनंदित रहने लगे ।

8) जब स्वतः ही आपके मुख से ओम का उच्चारण होने लगे ।

9) जब आपकी आँखे भूमध्य मे थिर होकर शाम्भवी मुद्रा लगने लगे

10) जब आपको शरीर के विभिन्न भागो मे विधुत के झटके लगने की अनुभूति होने लगे ।

11) जब ध्यान के दौरान आपकी बंद पलके जोर लगाने पर भी ना खुले ।

12) जब सभी संदेह दूर हो जाये और आपको सभी अध्यात्मिक ग्रंथों का मर्म समझ आने लगे ।

13) जब ध्यान के दौरान आपको अपना शरीर हवा से भी हल्का महसूस होने लगे ।

14) जब संकट काल व मुसीबत के समय मे भी आपका मन व्यग्र या विचलित ना हो ।

15) जब आप किसी भी कठिन कार्य को बिना थके घंटो तक करते चले जाये ।

16) जब आपको हर समय एक खुमारी या नशे जैसी स्थिति रहने लगे और होश भी पुरा रहे ।

17) जब आप की कही बाते सत्य सिद्ध होने लगे ।

तब जाने की आप की सोई शक्ती जाग रही है ।

No comments:

Post a Comment